Friday, February 26, 2021

विलादत-ए-मौला अली अलैहिस्सलाम

 हज़रत अली (अ०स) ये नाम पैकर है ईमान की मज़बूती का , सदाक़त का, शुजाअत का , इमामत का , विलायत का , हक़ व इंसाफ़ का , मज़लूमों व बेकसों के सहारे का , अल्लाह की रज़ा पर अपना सबकुछ कुर्बान कर देने का , ख़ुदा के शेर का , बे सायादार हमारे आक़ा नबी करीम (स०अ०व) के साये का , इस्लाम के उस रहबर का जिसनें हर मौक़े पर ये साबित किया कि वो बेहतर हैं । और भी तारीफ़ें हैं जो कि न तो मेरी हैसियत है न ही मेरे क़लम में वो ताक़त की मैं बयान कर सकूँ । सरजमींने अरब का वो दानिशवर , इकलाखमंद , ताक़तवर , फ़ाकाकश शहंशाह , मुंसिफ , इस्लामी क़ौम का लीडर जिसनें दुनिया व तमाम आलम को ये साबित किया कि नबी करीम ने उन्हें क्यों जंगे ख़ैबर में अलम थमाया और तमाम हाजरीन से शहादत लेते हुए ये एलान किया - मन कुंतो मौला हू , फ़ा हाज़ा अली उन तू मौला हू ।(जिसका मैं मौला , उसका अली मौला ) । और भी तमाम हदीस मौजूद हैं जो हज़रत अली की शान व उनके मर्तबे को बयाँ करती हैं । हज़रत अली ने दुनिया को अपने खूबसूरत और बेमिसाल अल्फ़ाज़ों से नवाज़ा है जिसपर अमल करने से किसी भी शक़्स को दुनिया व आख़िरत में कभी रुसवाई ना होगी । हज़रत अली(अ०स) के क़ौल को अमल में लाना तमाम मुश्किल हालात व परेशानी दूर कर सकती है ।

तो आइये यौमे विलादत हज़रत अली ( अ०स) हम सब कोशिश करें उनके बताए हुए रास्ते (जो कि हमारे नबी का बताया हुआ रास्ता है) पर चलते हुए हम सब अपने ईमान और हालात को सँवारे । 

यौमे विलादत हज़रत अली (अ०स) की पुरखुलूस मुबारकबाद🌹🌹🌹💐💐💐


शाहे मरदाँ , शेरे यज़दाँ , क़ुव्वते परवरदिगार

ला फ़ता इल्ला अली ला सैफ़िल्ला ज़ुल्फ़िकार

Monish Fareed Siddiqui

Sunday, February 14, 2021

प्रेम का वास्तविक रूप

जब आप प्रेम में होते हैं और ओस की हर बूंद, पेड़ का हर पत्ता और धरती का हर कण जान लेता है कि आप प्रेम में है। जब प्रेम होता है तो बस प्रेम ही होता है। ‘मैं’, ‘तुम’, ‘यह’, ‘वह’, ‘इससे’, ‘उससे’ कुछ नहीं रह जाता, बस प्रेम रहता है। प्रेम को आप सोच नहीं सकते, प्रेम पर विमर्श नहीं कर सकते, प्रेम को उत्पन्न नहीं कर सकते, प्रेम को अपना नहीं सकते… प्रेम है असीमित और असृजित! प्रेम तो बस होता है- अनंत, अनादि और अनहद!

“क्या आप प्रेम के रास्ते पर चलना चाहते हैं? तो, पहली शर्त यह है कि खुद को धूल और राख जितना अकिंचन बनाइए।” –जलालुद्दीन रूमी
“प्रेम का अर्थ साथ जीने के लिए किसी को पा लेना नहीं है, बल्कि ऐसे व्यक्ति को पाना है जिसके बिना जिया न जाए।” –रफाएल ऑर्टिज़

प्रेम क्या है, अगर समझो तो भावना है, 
इससे खेलो तो एक खेल है । 
अगर साँसों में हो तो श्वास है और दिल में हो तो विश्वास है, 
अगर निभाओ तो पूरी जिंदगी है और बना लो तो पूरा संसार है ।

प्रेम तो वही है जो हृदय की अनंत गहराई से किया जाता है और जिसमें मैं नहीं हम की भावना हो।

प्रेम तो जिया जाता है, पाया नहीं जाता है । 
सिर्फ पाने के लिए प्रेम किया जाए वो व्यापार होता है ।

प्रेम, ईश्वर है, जब तक इसमें आसक्ति और स्वार्थ न मिलाया जाए। जब इसमें स्वार्थ मिलेगा तब प्रेम नहीं होगा ।

खुसरो दरिया प्रेम का उल्टी वा की धार
जो उतरा सो डूब गया , जो डूबा सो पार.......

आओ पहले मतदान करें

आओ पहले मतदान करें  , फिर बैठें जलपान करें ।। देश के विकास में , स्वच्छ समाज की आस में मिलजुल कर योगदान करें ,आओ पहले मतदान करें । कृषि और क...