इस्लाम एक मुकम्मल ज़ाब्ते हयात है जो हर क़दम पर हमारी रहनुमाई करता है । इस्लाम सिर्फ़ चंद इबादात, अक़ाएद और दुआओं का नाम नहीं बल्कि ये ज़िंदगी का एक मुकम्मल साँचा हमारे सामने पेश करता है जिसके मुताबिक हम अपनी ज़िंदगी को ढाल कर ही फ़लाहो निजात के मुस्तहिक़ हो सकते हैं ।
इस्लाम एक ऐसा नज़रिया है जिसके जरिए हमें हक़ और बातिल का फ़र्क़ मालूम पड़ता है । इस्लाम ही वो ज़रिया है जो हमें हसद , किना , बुग्ज़ , ग़ीबत , हसद , जमाखोरी , जैसे बुराइयों से दूर कर सकता है । इस्लाम ही हमें हराम और हलाल में बेहतर क्या है इसका पूरा हिसाब बयान करता है ।
इस्लाम को किसी हद में महदूद न करें उसे अपनी ज़िंदगी का पैरहन बनाएं । इंशा अल्लाह आप दुनिया और आख़िरत में चमकते हुए नज़र आएंगे ।
©मोनिश फ़रीद
No comments:
Post a Comment